संघर्ष भरे दिन
29 /21/21
29 / 12 /21
डायरी स्पेशल
संघर्ष
ज़िन्दगी ठंडी हवा के झोखे का नाम नही है खून पसीना बहाना पड़ता है राहो में कांटो पर भी चलना पड़ता है फूल के हार की चाह में अंगारों पर चलकर उस की तपिश को भी सहन पड़ता है गमों को रोकर या हँसकर गले लगाना ही पड़ता है !
थककर जो हार मान जाता है उसे मंज़िले नही मिलते जो छाव की चाह रखता है वो मंज़िलो तक कभी नही पहुँचता वो आराम पसन्द लोग होते है उन्हें बैठे बैठे ही सब चाहिए !
जब नही मिलता तो बोलते हैं किस्मत में ही नही था कोशिश तो बहुत की थी पर मिलना ही नही था जो मिला उसमे ही खुश रहते हैं भाई हम तो , पर कभी खुद कोशिश नही करते करते हैं पर न के बराबर मिले तो ठीक नही तो कुछ और ,
पर ज़िन्दगी में जिसने कुछ मुकाम हासिल करना होता है और हर प्रकार के दर्द को झेलता है कभी भी थककर नही बैठता पसीने में तर होने के बाद भी छाव की आस नही करता बोलता है बैठ गया तो कैसे अपनी मंज़िल को पहुँगा वो अपने हाथों के छाले देख कर भी नही घबराता बल्कि उसे और मंजिल को पाने की ललक हो जाती है अपनी पूरी ज़िंदगी एक ही आस
में गुजर देता है आज नही तो कल मेरी राहो में भी फूल खिलेंगे वो पल मेरे लिए सुकून का पल होगा !
इतना आसान नही होता जीवन का संधर्ष अच्छे अच्छो की हिम्मत टूट जाती है पर जो जीतता है वो ही मुक़दर का सिकन्दर कहलाता है !
आलिया खान
Miss Lipsa
31-Dec-2021 11:51 PM
Mam poora post kare Please
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